Madhya Pradesh ke Abhyaran/मध्यप्रदेश के अभ्यारण – आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम मध्यप्रदेेेश मे स्थित अभ्यारण के बारे मे जानकारी उपल्बध करा रहे है जो मध्यप्रदेश मे हाने वाली परिक्षाओ की दृष्टी से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बोरी वन्यजीव अभ्यारण-
- होशंगाबाद जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 485.715 वर्ग किलोमीटर है।
- यहां पर – बाघ, तेंदुआ, हिरण, नीलगाय, मुंजा, भालू, और सांभर, चीतल आदि पाए जाते हैं।
ओरछा अभ्यारण-
- टीकमगढ़ जिले में स्थित है।
- यह 45 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर- चीतल तथा नीलगाय पाई जाती है।
सैलाना फ्लोरीकन अभ्यारण-
- रतलाम जिले मैं है।
- तथा इसका क्षेत्रफल 12.96 वर्ग किलोमीटर है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में खरमोर पाए जाते हैं।
वीरांगना दुर्गावती अभ्यारण-
- दमोह जिले मे फैला है।
- 23.97 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर- नीलगाय, सांभर, कृष्ण्मृग, चीतल पाए जाते हैं।
सोन अभ्यारण-
- सीधी/ शहडोल जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 83.684 वर्ग किलोमीटर है।
- इस राष्ट्रीय उद्यान में- घड़ियाल, प्रवासी पक्षी, कछुआ, मगर आदि पाए जाते हैं।
गंगऊ अभ्यारण-
- ग्वालियर जिले में स्थित है।
- तथा 78.536 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर- बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, चिंकारा पाए जाते हैं।
संजय( दुबरी ) राष्ट्रीय उद्यान-
- सीधी जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 364.59 वर्ग किलोमीटर है।
- यहां पर- बाघ, तेंदुआ, मुंजा हिरण, चिंकारा, नीलगाय, चीतल, सांभर आदि पाए जाते हैं।
सरदारपुर अभ्यारण-
- धार जिले में स्थित है।
- तथा इसका क्षेत्रफल 348.12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर – खरमोर व अन्य पक्षी पाए जाते हैं।
रातापानी वन्य जीव अभ्यारण-
- रायसेन जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 688.79 वर्ग किलोमीटर है।
- यहां पर – बाघ,तेंदुआ, सांभर, चीतल आदि पाए जाते हैं।
रालामंडल अभ्यारण-
- इंदौर जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 2.345 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर- तेंदुआ, बाग, चीतल, सांभर, गौर ,भालू आदि पाए जाते हैं।
Madhya Pradesh ke Abhyaran/मध्यप्रदेश के अभ्यारण
बगदीरा अभ्यारण –
- सीधी जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 478.9 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
- तथा यहां पर- तेंदुआ, चिंकारा, कृष्ण मृग, नीलगाय आदि पाए जाते हैं।
करेरा अभयारण्य-
- शिवपुरी जिले में 202.21 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- तथा यहां पर- सोन चिड़िया, चिंकारा, कृष्ण मृग, निलगाय आदि पाये जाते है।
गांधी सागर अभ्यारण-
- मंदसौर जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 368.62 वर्ग किलोमीटर है।
- तथा यहां पर- तेंदुआ, चिंकारा, नीलगाय आदि पाए जाते है।
फेन अभ्यारण-
- मंडला में स्थित है।
- तथा इसका क्षेत्रफल 110.74 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
- तथा यहां पर- बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, मुंजक हिरण आदि पाए जाते है।
केन अभ्यारण-
- छतरपुर/ पन्ना जिले 45 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
- तथा यहां पर मगर तथा घड़ियाल आदि पाए जाते हैं।
घाटीगांव अभ्यारण-
- ग्वालियर जिले में स्थित है।
- तथा इसका क्षेत्रफल 512 वर्ग किलोमीटर है।
- इस अभ्यारण में – सोन चिड़िया, नीलगाय, कृष्णमृग, चिंकारा आदि पाए जाते हैं।
पेंच अभ्यारण-
- सिवनी/ छिंदवाड़ा जिले में फैला हुआ है।
- इसका क्षेत्रफल 449.39 वर्ग किलोमीटर है।
- यहां पर- बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, गौर, नीलगाय, जंगली मुर्गी आदि पाए जाते हैं।
पालपुर कूनो अभ्यारण-
- मुरैना जिले में स्थित है।
- 345 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर- बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, चिंकारा, कृष्णमृग नीलगाय आदि पाए जाते हैं।
पानपढ़ा अभ्यारण-
- यह शहडोल जिले में फैला हुआ है।
- तथा इसका क्षेत्रफल 345.85 वर्ग किलोमीटर है।
- यहां पर- बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर,भालू, मुंजक हिरण, नीलगाय, चौसिंगा आदि पाए जाते हैं।
राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण-
- मुरैना जिले में 320 किलोमीटर वर्ग क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- तथा यहां पर- घड़ियाल, मगर, कछुआ, ऊदबिलाव, डॉप्लिन प्रवासी पक्षी आदि पाए जाते हैं।
महत्वपुर्ण अभ्यारण
सिवनी अभ्यारण-
- देवास/ सीहोर जिले में फैला है।
- 122.70 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है।
- यहां पर- चीतल, सांभर, तेंदुआ, नीलगाय आदि पाए जाते है।
नरसिंहगढ़ अभ्यारण –
- राजगढ़ जिले में स्थित है।
- इसका क्षेत्रफल 57.19 वर्ग किलोमीटर है।
- यहां पर- तेंदुआ, चीतल, सांभर,नीलगाय, मोर, धुवर, धनेश आदि पाए जाते हैं।
पचमढ़ी अभ्यारण-
- होशंगाबाद जिले में फैला हुआ है।
- इसका क्षेत्रफल 491.632 वर्ग किलोमीटर है।
- तथा यहां पर- बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, भालू, गौर पाये जाते है।
नौरादेही अभ्यारण-
- सागर जिले में स्थित है।
- तथा इसका क्षेत्रफल 1194 वर्ग किलोमीटर के लगभग में है।
- तथा यहां पर- चीतल, सांभर, नीलगाय, कृष्ण, भालू, चिंकारा, जंगली कुत्ता आदि पाए जाते हैं।
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