Dahej Pratha Par Nibandh/दहेज प्रथा पर निबंध– आज कि इस पोस्ट मे हम दहेज प्रथा जैसी समस्याओ के बारे मे जानेगे कि इनसे क्या-क्या समस्याऍ होती है। तथा यह क्यो एक अभिषाप के रूप मे हमारे शमक्ष उपस्थित है।
प्रस्तावना – दहेज प्रथा एक ऐसी प्रथा है। जिसमे विवाह समाहरोह मे लड़की पक्ष द्रारा लड़के पक्ष को उपहार के स्वरूप मे दिया जाने वाला सामान तथा आभूषण है। इसी को दहेज प्रथा कहा जाता है। कई मामलो मे देखा गया है, कि दुल्हे पक्ष के द्रारा दहेज के लिए सीधे तौर पर मांग कि जाती है। जो कि एक अभिषाप के रूप मे हमारे समक्ष उपस्थित है। वैसे तो अधिकतर दहेज प्रथा की निंदा कि जाती रही है।लेकिन लोगो का मानना है, कि यह नव दंपत्ति के जीवन की शुरूवात करने मे मदद हो सके। इसी लिए लोग सदियो से इसका अनुसरण कर रहे है। जो कई लोगो के लिए अभिषाप के रूप मे भी हमारे सामने उपस्थित है। जो की अनेक समस्याओं को जन्म देता है।
दहेज के अंतर्गत आने वाली वस्तुएं– ऐसी वस्तुएं जो सीधे तौर पर वर तथा वधु को विवाह समाहरोह मे प्रदान किया जाता है। वह दहेज के अंतर्गत आता है। इसमे वहान, फ्रीज,कुलर,वाशिंग मशीन,तथा नकदी रूपये तथा प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष सभी रूप से दिये जाने वाले सभी वस्तुए सामिल है।
Dahej Pratha Par Nibandh/दहेज प्रथा पर निबंध
विवाह समाहरोह मे दिखावा- अधिकतर देखा गया है कि विवाह के समय किसने कितना खर्च विवााह मे किया है, इसका अंदाजा तो विवाह के समय साज सजावट तथा गहनो और दिया जाने वाला सामाान देख कर ही लगाया जा सकता है। विवाह समाहरोह मे एक ओढ़ सी लग गयी है कि कौन कितना खर्च कर सकता है तथा कितना अच्छा विवाह संपन्न करा सकता है। जिन लोगो के पास धन की कोई कमी नही है वह तो आसानी से सब कर लेते है। लेकिन मध्यम वर्ग तथा निचले वर्ग के लोगो को इस समस्या से जुझना पड़ता है।
दहेज प्रणाली क्यो – दहेज प्रणाली भले ही हमारे समक्ष अभिषाप के रूप मे उपस्थित है। लेकिन वर तथा वधु पक्ष द्रारा हमेशा यह सोच रखी जाती है कि वधु को नये जीवन को व्यापन करने मे कोई परेशानी ना हो इसी कारन विवाह मे वर तथा वधु को उपहार प्रदान किये जाते है। ताकि विवाहित युगल का जीवन स्तर सरल हो सके। क्योकि कई लोगो का मानना है, कि नये जीवन स्तर का संचालन करने के लिए सभी वस्तुओ कि आवश्यकता होती है। जो कि विवाह समाहरोह मे दी जाती है। जो कि वर तथा वधु के द्रारा एक साथ सभी वस्तुए ले पाना संभव नही है। इसी भावनाओ के कारण विवाह मे वर वधु को उपहार के स्वरूप दहेज दिया जाता है। जो कि एक अभिषाप है।
DAHEJ PRATHA EK ABHISHAP
वधु पक्ष पर इसका प्रभाव – अधिकतर तौर पर देखा गया है। कि विवाह के संबंध मे वधु पक्ष को बहुत कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है। तथा वर पक्ष की मांगो को पुरा करना पड़ता है। जिसमे वधु पक्ष को ऋण लेने की नौबत आ जाती है। वह कर्ज मे डूब जाता है। शारिरिक तथा मानसिक तौर पर भी वह प्रभावित होता है। दहेज प्रणाली लड़की और उसके परिवार के लिए पीड़ा का कारण भी बन जाता है।
विवाद का कारण दहेज प्रथा- कई मामलो मे यह देखा जाता है कि वर पक्ष द्रारा कहे अनुसार दहेज नही दिये जाने के कारण वधु का मारा पिटा जाता है। तथा कई मामलो मे दुसरो के दहेज की तुलना कर कर वधु को ताने दिये जाते है। जिससे वधु को शारिरिक तथा मानशिक हानि उठानि पड़ती है। कई मामलो मे यह भी देखने को मिलता रहा है, कि वर पक्ष द्रारा वधु को दहेज की लालच मे जला कर मारने जैसी गलती वर पक्ष के द्रारा की जाती है। इसी कारण दहेज लेन-देन के लिए सख्त कानून का बनाने की बहुत आवश्यकता है। ताकि एसे अपराधों को रोका जा सके।
DAHEJ PRATHA KA ANT
प्रथा के लिए सख्त कानुन – दहेज प्रथा को सरकार ने एक दंडनीय अपराध के तौर पर कानून तो पारित किया है। लेकिन इसे अमल मे नही लाया है। लोग दहेज का लेन-देन खुले स्तर पर कर रहे है। यह इसी लिए अधिकतर हो रहा है क्योंकि इसके खिलाभ कड़े कानून नही है। यदि सरकार द्रारा बनाये गये कानून का सख्ती से पालन किया जाए तो दहेज जैसी कुरूतीयो से निजात पाया जा सकता है।
समाम्त करने के तरीके – दहेज प्रणाली को समाप्त करने के लिए शिक्षित समाज का होना अत्यंत आवश्यक है। जो सरकार द्रारा बनाये गये कानून का पालन कर सके। तथा दहेज लेन-देन जैसी कुरूतीयो के खिलाफ आवाज उठाएं ताकि दहेज जैसी विकराल समस्या को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके। तथा ऐसा समाज का निर्माण करे जो दहेज के खिलाफ हो तथा इसको अपने अमल मे लाये ताकि वधु पक्ष का जीवन स्तर सरल बना रहे।
निष्कर्ष – दहेज प्रणाली वधु पक्ष के परिवार के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है। जो उन्हे शारिरिक तथा मानसिक पीड़ा से अवगत कराती है। इसी कारण इसके खिलाफ गंभीरता से कड़े कदम उठाना आवश्यक है।तथा सरकार के द्रारा बनाये गये कानून का जनता को पालन करना चाहिए। जिससे किसी का हानि का सामना ना करना पड़े। तथा सभी का जीवन स्तर सामान्य बना रहे।
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