Madhya Pradesh Lok Chitrakala/मध्यप्रदेश के लोक चित्रकला- आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेगेे मध्यप्रदेश की प्रमुुुख लोक चित्र कला के बारे मे जो सभी परिक्षाओ की दृष्टी से महत्वपूर्ण है।
सुरेती– यह बुंदेलखंड क्षेत्र में दिवाली के समय बनाया जाने वाला व्यक्ति चित्र है।
मामुलिया – यह बुंदेलखंड क्षेत्र का कुंवारी कन्याओं द्वारा नवरात्रि के समय गोबर से बनाया जाने वाला व्यक्ति चित्र है।
नौरता/ नवरत – यह बुंदेलखंड तथा निमाड़ क्षेत्र का कुंवारी कन्याओं द्वारा नवरात्रि के समय मिट्टी गेरू हल्दी से बनाया जाने वाला भित्ति चित्र है।
गोदन/ गोवर्धन – यह संपूर्ण मध्यप्रदेश में दिवाली के समय आंगन में बनाए जाते हैं ।
मोरते – यह बुंदेलखंड क्षेत्र में विवाह के समय मुख्य दरवाजे पर पुतरी का भित्ति चित्र बनाया जाता है।
नाग भित्ति चित्र – यह सम्पूर्ण मध्य प्रदेश मे दीवारों पर नागपंचमी के समय गेरू से नाग-नागिन का भित्ति चित्र बनाया जाता है।
मोरइला मोर मुरैला – या बुंदेलखंड तथा बघेलखंड क्षेत्र में विभिन्न रंगों से दीवारों पर भित्ति चित्र बनाए जाते हैं।
बरायन/ दहेंगर-अगरोहन – यह बुंदेलखंड तथा बघेलखंड क्षेत्र में विवाह के समय वधू मंडप में बनाए जाते हैं।
मांडना – यह मालवा तथा निमाड़ क्षेत्र में दिवाली के समय अपने घरों के आंगन में बनाए जाते हैं।
चित्रावण – चित्रावण मालवा क्षेत्र का घरों की दीवारों पर विवाह के समय बनाया जाने वाला भित्ति चित्र है।
कोहबर – बघेलखंड क्षेत्र का विवाह के समय बनाए जाने वाला वैवाहिक आनुष्ठानिक भित्ति चित्र है।
तिलंगा – यह बघेलखंड क्षेत्र मैं बनाया जाने वाला भित्ति चित्र है जिसमें कोयले में तिल के तेल को मिलाकर इसका भित्ति चित्र बनाया जाता है।
Madhya Pradesh Lok Chitrakala/मध्यप्रदेश के लोक चित्रकला
छठी चित्र – बघेलखंड क्षेत्र का बच्चे के जन्म के छठवें दिन छठी माता का गेरू से भित्ति चित्र बनाया जाता है।
नेऊरा नमे – यह बघेलखंड क्षेत्र का सुहागन महिलाओं के द्वारा भादो की नवमी को बनाया जाता है तथा इसकी पूजा की जाती है।
जिरोती – यह निमाड़ क्षेत्र में हरियाली अमावस्या को भित्ति चित्र बनाया जाता है।
सांजाफली – यह संपूर्ण मध्यप्रदेश में कुंवारी लड़कियों के द्वारा कुंवार मास में बनाया जाने वाला भित्ति चित्र है।
थापा – यह निमाड़ क्षेत्र मे सेली सप्तमी पर हाथ का थापा लगाया जाता है।
खोपड़ी पूजन– देव प्रबोधनी ग्यारस को खोपड़ी पूजन किया जाता है।
ईरत – निमाड़ क्षेत्र में विवाह के समय कुल देवी का भक्ति चित्र बनाया जाता है।
पगल्या – निमाड़ क्षेत्र में प्रथम शिशु जन्म पर शुभ संदेश का रेखांकन किया जाता है।
पंचाली भरना – यह निमाड़ क्षेत्र का दूल्हा दुल्हन के मस्तक पर विवाह के समय कँचाली भरी जाती है।
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