Essay on Corruption in Hindi Language
- प्रस्तावना
- भ्रष्टाचार के कारण
- स्वार्थ और असमानता
- भाई भतीजावाद का सामना
- भ्रस्टाचार के दुष्परिणाम
- भ्रस्टाचार के प्रकार
- भ्रष्टाचार को दूर करने के उपाय
- उपसंहार –
Essay on Corruption in India
प्रस्तावना – भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण। वे सभी कार्य जो कानूनी नियमों का उल्लंघन करते हैं तथा गलत तरीके से धन अर्जन करने का माध्यम ढूंढते हैं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं, उन्हे समाज तथा देश के हित से कोई लेना देना नही होता है।उनको केवल इस बात से मतलब होता है कि वह किस तरह से धन का अर्जन कर सकते है चाहे वह मार्ग गलत हो। आज के इस समय मे पूरे देश मे भ्रष्टाचार व्याप्त हेा चूका है। हर क्षेत्र मे भ्रष्टाचार ही फैला हूआ है। छोटे विभाग से लेकर बडे बडे विभाग भ्रष्टाचार मे अपनी भूमिका निभा रहे है।
आज के समय मे भी हमे कोई सरकारी विभाग मे अपना काम कराने के लिए घुस देनी पडती है। तब हमार काम हो पाता है नही तो वह काम भ्रष्टाचार के कारण नही होने दिया जाता है । जिससे परेशान होकर घूस देना ही पडता है ताकि अपना काम हो सक इस प्रकार समाज में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार दिखाई देता है
भ्रष्टाचार के कारण-
ऐसे व्यक्ति जो समाज मे कोई अनैतिक काम करता है तथा सरकारी व्यक्ति यदि उस काम को रूकवाने आता है तो उसे घूस देकर उस काम को चलने दिया जाता है इस प्रकार सरकारी व्यक्ति अपनी लाभ को देखत हुए कोई कार्यवाही नही करत है जिससे भ्रष्टाचार बढता चला जात है यदि उच्च अधिकारी इसकी छानबीन करता है तो उसे भी रिस्वत का सामना करा दिया जाता है हर बडा से बडा अधिकारी जो सरकारी विभाग मे अपनी भूमिका अदा कर रहा है भ्रष्टाचार को बढाने मे अपनी भूमिका नभिा रहे है जितना बडा अधिकारी होता है वह उतना ही भ्रष्ट होता है ।
स्वार्थ और असमानता – अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए व्यक्ति भ्रष्टाचार करता है तथा गलत तरीके से अपने कार्यो का निर्वहन करता है तथा ऐसे व्यक्ति समाज में भ्रष्टाचार का माहौल बनाते हैं उन्हें केवल धन अर्जन करने से मतलब होता है। आज के समय में ऐसी कोई जगह नहीं बची जहां पर भ्रष्टाचार ना हो भ्रष्टाचारी पूरे देश में अपनी जड़ें मजबूत कर चुका है, उन्हे केवल अपने स्वार्थ से मतलब है चाहे देश तथा जनता पर इसका बूरा प्रभाव पडे इस बात से उनहे कोई मतलब नही होता है तथा अपने स्वार्थ के कारन अधिकारी अन्य लोगो के साथ असमान व्यवहार करते है। जहा से उन्हे घूस मिलती है उन्ही का कार्य आराम से हो जाता है और स्वार्थ और असमानता का व्यवहार का सामना आम नागरिक को करना पडता है ।
भाई भतीजावाद का सामना –
ऐसे अधिकारी जो अपनी शक्ति का गलत प्रयाग करते है तथा अपने पद का उपयोग अपने परिवार के लाेगो को ऐसे उस पद पर बिठा देते है जिसके वे लायक नही होते है तथा सामान्य व्यक्ति पिछड जाता है। हतास हो जाता है। अगर भाई भतीजावाद युक्त भ्रष्टाचार निरंतर चलता रहा तो समाज का माहौल सही नही हो पाएगा ।
भ्रस्टाचार के प्रकार –
- देश का कमजोर कानून- देश का कमजोर कानून भारत मे भ्रष्टाचार को बढावा देता है तथा भ्रष्टाचार को बढने मे मदद करता है।
- चुनाव मे धांधली – हर तरफ भ्रष्टाचार ही व्याप्त है चाहे किसी भी क्षेत्र में ले लो यहां भ्रष्टाचार व्याप्त है। हर तरफ भ्रष्टाचार ही दिखाई देता है। चुनाव में व्यक्ति वोट देने के लिए वोटर को घुस देता है तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है।
- नागरिक द्रार टैक्स चोरी – नागरिक सरकार को टैक्स नहीं भर्ती तथा भ्रष्टाचार करती है जिससे कि सरकार की आमदनी में कमी होती है। हर क्षेत्र में टैक्स चोरी होने के कारण भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। बड़े-बड़े उद्योगपति अपना टैक्स नहीं भरते और सरकार से भ्रष्टाचार करते हैं। जिसके कारण सरकार को कठिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- शिक्षा एवं खेल मे घूसखोरी – ऐसा कोई भी भाग नहीं बचा जहां पर घूसखोरी व्याप्त ना हो यहां तक कि शिक्षा एवं खेलों में भी घूसखोरी देखने को मिलती है। बड़े-बड़े स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए घूस देनी पड़ती है। जिससे कि भ्रष्टाचार तथा खेल जगत में भी मैच फिक्सिंग जैसी अनेक अनैतिक भ्रष्टाचार होता है।
- विभागों का सही तरीके से काम ना करना- अनेक विभाग अनैतिक तरीके से अपना कार्य करते हैं तथा घूसखोरी करते हैं। जिसके चलते भ्रष्टाचार बढ़ता चला जाता है। आज पुलिस विभाग पर भी लोगों का भरोसा नहीं रहा सबसे ज्यादा तो पुलिस विभाग मे ही भ्रष्टाचार फैला हुआ है है तथा मुजरिम आसानी से घुस देकर छूट जाता है तथा अधिकारी अपनी जेब गर्म कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।
भ्रस्टाचार के दुष्परिणाम– भ्रष्टाचार के कारण देश तरक्की की ओर अग्रसर नहीं हो पाएगा तथा देश के विकास में एक बाधा के रूप में सामने प्रकट होगा तथा इसमें असमानता की स्थिति उत्पन्न होगी।
भ्रष्टाचार को दूर करने के उपाय
भ्रष्टाचार के विरूध्द कानून –भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए इसके विरुद्ध कड़े कानून सरकार को लाने चाहिए। जिससे कि भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए जिससे कि भ्रष्टाचार खत्म हो सके इसके लिए हमें कड़े कानून के साथ-साथ इसे लागू करना दी बहुत ही आवश्यक है। जब तक के भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाएंगी भ्रष्टाचार यूं ही बढ़ता चला जाएगा ।
मुक्ति के उपाय
- प्रसासनिक स्तर पर-भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए प्रशासनिक स्तर पर हमें उचित कार्यवाही करना आवश्यक है तथा प्रशासन को भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर काम करना होगा तभी भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है।
- व्यक्तिगत स्तर पर – भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी हमें सोचना होगा कि भ्रष्टाचार को कैसे दूर किया जाए तथा भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ हमें व्यक्तिगत स्तर पर ही भ्रष्टाचार को दूर करना होगा ।
- सामाजिक स्तर पर -भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिए हमेशा में दिखी स्तर पर भी अनेक सुधार करने होंगे तभी भ्रष्टाचार को दूर किया जा सकता है ।
उपसंहार –
भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए हमें एकजुट होकर इसका सामना करना पड़ेगा तभी हम भ्रष्टाचार को जड़ से मुक्त कर सकते हैं तथा एक उन्नत देश का निर्माण करने में सहायता कर सकते हैं इसके लिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी अहम भूमिका अदा करना होगा तभी हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सकती है भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करने में आपनी भूमिका निभाते रहना होगा ।
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