Diwali Nibandh In Hindi /Diwali Essay in Hindi 250 word /Deepawali Ninbandh 500 word in Hindi/ Best Simple Deepawali Essay 1000 word in Hindi Language for Student.
प्रस्तावना– दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का बहुत ही आकर्षक एवं विशेष त्योहार है। इसे दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। दीपावली को मनाने की कई प्रचलित कथायें हैं। जिसमें एक विशेष पौराणिक घटना को महत्व दिया गया है। इसे मिठाईयों का त्यौहार भी कहा जाता है। दीपावली का त्यौहार मनाने के पीछे का कारण भागवान राम के लौटने से है। जब अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्री भगवान राम चौदह वर्ष के लिये वनवास पर गये हुये थे।
एवं वहां पर रावण के द्वारा सीता माता का अपाहरण कर लेने के पश्चात् श्री राम ने अपनी सेना बनाकर रावण को हराकर (मारकर), श्री राम के अध्योध्या राज्य में वापस लौटने की खुशी में अयोध्या वासीयों ने श्री राम के राजा बनने एवं उनके आने पर पूरी अयोध्या में दीपक जलाकर खुशी प्रकट की थी। एवं हर महल, घर को सजाकर आतिशवाजी की। इसी समय से ही दीपावली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष अक्टूबर-नवम्बर में मनाया जाने लगा। इस दिन प्रशिद्ध लक्ष्मीजी और गणेश जी तथा अन्य देवी देवताओं की पूजा एवं गायों को रंगना, पूजा करना इत्यादि कार्यों को पहले सम्पन्न किया जाता है।
Diwali Essay In Hindi for Class 8th to 12th student.
त्यौहार मनाते समय सावधानियां-
दीपावली का त्यौहार हमारे देश में बहुत ही जोरों सोरों से मानाया जाता है। इस दिन के आने का लोगों के मन में बहुत हर्ष-उल्लास होता है। इस दिन का लोगों को बहुत ही इन्तजार रहता है। दीपावली के त्यौहार के समय पटाखें फोडे जाते हैं। इस त्यौहार को बच्चे त्यौहार आने के पहले ही दिनों से इसका आरम्भ कर देते हैं। जिसमें वह दुकानों से पटाखे, फुलझडियां, अन्य खतरनाक सामग्री ले आते हैं। एवं बडे लोगों से छुपाकर चलाते हैं।
जिससे कई प्रकार की दुर्घटनायें भी हो जाती हैं। इन दुर्घटनाओं से बचने के लिये बडे लोगों को बच्चों पर दृष्टि बनाकर रखना चाहिए। बच्चों को भी बडों की उपस्थिति में आग से संबंधित सामग्री का उपयोग करना चाहिए। इस त्यौहार पर वायुप्रदूषण को देखते हुए हमें लोगों को एवं अपने द्वारा होने वाले रासायनिक पदार्थों, पटाखों का उपयोग ना के बराबर करना चाहिए।
त्यौहार से लाभ-हानि-
दीपावली का पर्व एक बहुत ही आकर्षक लगने वाला प्रत्येक घर में खुशियों को लाने वाला त्यौहार है। दीपावली के लाभ तो प्रत्येक वर्ष देखने को ही मिलते हैं। जिसमें कुछ लाभ इस प्रकार हैं। त्यौहार के आने पर प्रत्येक व्यक्ति अपना काम काज छोडकर रिश्तेदारों से मिलने जाता है। इस दिन आपसी बैर मुटाव समाप्त हो जाता है।
परिवार के लोगों एवं आस-पडोस में स्नेह प्रेम की भावना को विकसित करने वाला त्यौहार है। त्यौहार पर कई उद्योगपतियों, दुकानदारों, एवं अन्य क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को कमाई करने का लाभ अर्जन होता है। दीपावली के त्यौहार पर हानियां इस प्रकार हैं। इस त्यौहार में लोगों के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले वायु प्रदूषक सामग्री का उपयोग अधिक मात्रा में करने से वायु का प्रदूषण होता है। यह दीपों का त्यौहार है।
ना कि वायुप्रदूषण करने का। इस त्यौहार पर महंगे पटाखे खरीदने से लोगों का आर्थिक नुकसान तो होता ही है। साथ ही उन पटाखों को फोडने से वायु प्रदूषण की समस्या भी उत्पन्न होती है। पटाखों को गलत ढंग से फोडने पर कई घरों में , दुकानों में, झुग्गी झोपडियों में एवं किसी को शारीरिक नुकसान होने की जन हानि हो सकती है। इस त्यौहार पर हो सके तो अपने घरों पर ही मिठाईयों को बनाना चाहिए। क्योंकि कई स्वार्थी उद्योगपति इन मिठाईयों में मिलावट कर देते हैं। जिससे लोग बीमार पड जाते हैं।
त्यौहार से संबंधित पूर्व की तैयारी-
दीपावली के त्यौहार के आने से पहले ही प्रत्येक हिन्दु परिवार में एक अलग ही माहोल देखने को मिलता है। इस त्यौहार के आने से पहले घरों की साफ-सफाई कर ली जाती है। महत्वपूर्ण घरेलू सामग्रियों की लिस्ट तैयार कर ली जाती है। परिवार के लोगों का मिलना होने लगता है। कहीं दूर पढने गये लोगों को त्यौहार को मनाने के लिये वापस बुला लिया जाता है।
घरों की पुताई होने लगती है। इस त्यौहार से पहले लोगों को घरेलू सामान, पूजा पाठ की सामग्री की व्यवस्था के लिये पहले ही सभी वस्तुओं की खरीददारी होने लगती है। बाजारों में बहुत ही सुंदर दृश्य देखने को मिलता है। बच्चे एवं बडे लोग अपने लिये कई प्रकार के रंगीन वस्त्रों की खरीद करते हैं। लोगों के मन में इस त्यौहार के प्रति एक अलग ही उत्साह बना हुआ रहता है। इस त्यौहार के पहले गावों में अनेक तैयारियां के लिये परिवार के बुजुर्गों से सलाह ली जाती है।
त्यौहार के साथ होने वाले महत्वपूर्ण उत्सव- इस त्यौहार को मनाने के साथ-साथ ही कई महत्वपूर्ण त्यौहार भी इसी त्यौहार के बाद एवं साथ मनाये जाते हैं। जैसे इस त्यौहार के साथ मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार निम्न हैं। धनतेरस, गोवर्धन पूजा, छठ पूजा, गुरू पर्व, इत्यादि महत्वपूर्ण त्यौहारों को भी इसी त्यौहार के बाद मनाया जाता है। कई रूपों में इन त्यौहारों को भी दीपावली से जोडकर देखा जाता है।
उपसंहार-
दीपावली परिवार के सदस्यों देश के लोगों में एकता एवं खुशी को जाग्रत करने वाला त्यौहार है। इस त्यौहार को मनाने के दौरान हमें क्या सावधानियां रखनी चाहिए। इसके अलावा लोगों से हमें किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। यह सभी बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए। यह बहुत ही प्राचीन काल से चला आने वाला त्यौहार है। प्राचीन समय में भी इस त्यौहार को मनाया जाता था। उस समय इस त्यौहार को दीपों को जलाकर, एवं अन्य सजावट के दौरान इस त्यौहार को मनाया जाता था। परन्तु आज के दौर में हम देखते हैं। कि त्यौहार को मनाने को लेकर कई तरह की अनुपयोगी कार्यों को भी किया जाने लगा है। जो आवश्यक नहीं है। देखा जाये तो त्यौहार वो होता है। जिसमें कोई भी किसी भी प्रकार से हानि का आगमन ना हो।
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