Corona Virus essay in Hindi/कोरोना वायरस निबंध इन हिंदी / कोविड-19 निबंध इन हिंदी Corona Virus per niband hindi me class 10th ke liye.
- प्रस्तावना
- वातावरण पर प्रभाव
- कोरोना वायरस के चरण
- मानव जीवन पर प्रभाव
- अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- बचाव के उपाय
- आइसोलेशन और क्वॉरनटाइन
- होने वाले लक्षण
- उपसंहार
Corona Virus essay in Hindi
प्रस्तावना- 31 दिसम्बर 2019 लगभग 2020 में pupils republic of china (चाइना) के वुहान शहर में एक ऐसी virus का पता लगा जिसका प्रकोप व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता ही जा रहा था। और इस virus का कोई भी उपचार(इलाज) संभव नहीं हो पा रहा था। WHO (World Health Organization) में जांच के दौरान पता लगाया गया कि यह महामारी एक कोरोना वायरस के कारण फैल रही हैं। इस वायरस का नाम कोरोना वायरस या Covid-19 नाम से जाना गया। यह SARS-CoV-2 नामक बीमारी के कारण फैला वायरस है। इस वायरस से फैली बीमारी को महीनों की प्रयासरत जांचों के द्वारा महामारी का नाम दिया गया है।
वातावरण पर प्रभाव- कोरोना वायरस (Corona Virus) ने जहां एक ओर मानव जीवन पर बहुत ही घातक प्रभाव डाला वहीं इस वायरस के कारण लगने वाले लॉकडाइन से हमारे वातावरण पर इसका बहुत ही अनुकूल प्रभाव देखने को मिला है। लॉकडाइन की स्थिति में लोगों की आवाजाही को बंद कर दी गयी।
जिससे वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण में एक दम से स्तर में गिरावट से स्वच्छ वातावरण देखने को मिला। लोगों का धार्मिक स्थलों पर जाकर नदियों में कचरा करना एवं फेक्ट्रीयों से निकलने वाले अपशिष्ट की रोक से नदियां साफ एवं स्वच्छ हो गयी। वाहनों एवं अन्य माध्यमों से उत्पन्न होने वाले जहरीले धुएं से होने वाले बादलों में अमलीयता के कारण अमलीय वर्षा होने की समस्या से निदान मिला है।
कोरोना वायरस के चरण-
संपूर्ण विश्व में कोरोना वायरस तीन 03 चरणों में फैला है। प्रथम चरण में इस वायरस के थोडे-थोड लक्षण देखने को मिलें। जिसमें व्यक्ति को इस वायरस से संक्रमित होने का पता नहीं लगता था।
दूसरे चरण के दौरान व्यक्ति को कुछ शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती थीं। जिसके कारण उसका स्वास्थ्य में गिरावट होना प्रारंभ हो जाता था।
तृतीय चरण में पीडित के साथ ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। कि उसे बीमारी के उपचार के लिये चिकित्सालयों में ले जाना आवश्यक हो जाता था। जिसमें रोगी की गंभीर स्थिति में मौत भी संभव होना तय होती थी।
मानव जीवन पर कोरोना वायरस का प्रभाव- मानव जीवन पर कोरोना वायरस महामारी का प्रभाव बहुत ही गहरा पडा है। लोग सदमें में जीने लगे। अपने अपने घरों में बंद हो गये। अपने परिवार के लोगों से सामाजिक दूरी बना ली। लोगों के रोजगार मिलना बंद हो गये। लाखों लोगों का रोजगार छूटने से घर में अकाल की स्थिति पैदा होने लगी।
एवं घरेलू सामग्री की सप्लाई बंद होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा। परिवार में किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस के लक्षण दिखने पर या मृत्यू हो जाने पर पूरे परिवार को मिलने की अनुमति नहीं दी जाती थी।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव-
वुहान शहर से आये कोरोना वायरस ने संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था को काफी हद तक नुकसान पहुचाया एंव अर्थव्यवस्था मंदी की ओर अग्रसर हो गयी। बडे-बडे उद्योग बंद हो गये। सभी तरह के यातायात के साधन बंद हो गये। एवं सभी तरह के पेट्रोल पंप शराब खाने बंद हो गये। जिनसे सबसे अधिक राजस्व की प्राप्ति सरकार को प्राप्त होती थी। किन्तु इस महामारी के फैलने से सभी तरह के राजस्व मिलने बंद हो गये। जिससे अर्थव्यवस्था पिछले दस सालों में सबसे निचले स्तर पर आ गयी। साथ ही भारत की जीडीपी दर भी गिरकर नीचे पहुंच गयी।
कोरोना वायरस से बचाव के उपाय- कोरोना वायरस से बचाव के लिये WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के द्वारा कई सुझाव निर्देश दिये गये हैं। कोरोना वायरस से बचाव के उपायों में एक व्यक्ति को घर में रहने से लेकर घर से बाहर निकलने के दौरान कई सावधानियां रखनी पडती हैं। लोगों से 6 फिट की दूरी बनाये रखना।
माक्स को हमेशा पहने रखना। अपने हाथों को किसी भी अनजानी वस्तु से छूने से बचना।, अपने हाथों से अपने या किसी के चेहरे को ना छूना। अपने हाथों को बार-बार सेनेटाइज करना। कोरोना वायरस से बचाव के लिये शारीरिक क्षमता को बढाने के लिये इम्यूनिटी ड्रिंक का सेवन करना। इत्यादि कई उपाय के द्वारा कोरोना वायरस से बचा जा सकता है।
आइसोलेशन और क्वारनटाइन –
आइसोलेशन(अलगाव) और क्वॉरनटाइन(संगरोध) यह दोनों अलग-अलग बातें नहीं हैं। कहीं ना कहीं इनका एक दूसरे से संबंध एक जैसा ही है। क्वॉरनटाइन (संगरोध) का प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के लिये किया जाता है। जो कोविड-19 वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आ चुका है। या फिर व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह किसी संक्रमित के संपर्क में आ चुका है। और वह संक्रमित हो सकता है। या हो गया है। तो ऐसी स्थिति में क्वॉरनटाइन(संगरोध) का उपयोग किया जाता है।
इस प्रिक्रिया में ऐसे व्यक्ति को एक निर्दिष्ट सुविधा या फिर अपने घर पर ही स्थान देने की सुविधा प्रदान की जाती है। जिसका समय 14 दिनों का रहता है। इसके अतिरिक्त आइसोलेशन(अलगाव) का उपयोग ऐसे व्यक्ति के लिये किया जाता है। जो पूर्णत: कोरोना वायरस की जद में आ चुका है। एवं उसके उपचार के लिये चिकित्सालयों में एक अलग कमरे की व्यवस्था की जाती है।
जिसमें पीडित व्यक्ति का रोजाना चेकअप एवं इम्यूनिटी को बढाने के लिये कई प्रकार की मेडिसिन उपलब्ध कराई जाती है। आइसोलेशन में व्यक्ति जब तक कोरोना वायरस के लक्षणों से छुटकारा नहीं पा लेता उसे डिस्चार्ज नहीं किया जाता है।
कोरोना वायरस के लक्षण-
कोरोना वायरस/कोविड-19 यदि किसी को है। तो कुछ दिनों तक इसका पीडित को पता ही नहीं चलता है। जो पीडित इस बीमारी से पीडित होता है। इसके सबसे साधारण लक्षण बुखार आना, सूखी खांसी होना, एवं थकान होना बहुत ही आम बात है। इसके कई विशेष लक्षण तो अधिक प्रभावशाली हैं।
जिसमें पीडित (रोगी) को स्वाद या फिर गंध का नुकसान होना है।, पीडित की नाक बंद होना, आंखों का लाल हो जाना, गले में खरास हो जाना, सिर में हमेशा दर्द रहना, शरीर पर लाल चक्ते पडना, उल्टीयां या दस्त होना, ठंड लगना, मांसपेशियों में खिचाव, जोडो में दर्द, चक्कर आना, इत्यादि लक्षणों से इस बीमारी का पता लगने पर पीडित को डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।
यदि किसी रोगी को सांस लेने में परेशानी, भूख में कमी, सीने में दर्द की समस्या, चिडचिडापन, दौरे पडना, नींद से संबंधित बीमारियां, मस्तिष्क में सूजन, तंत्रिका की क्षति, ऐसे रोगियों को चिकित्सा (उपचार) करना आवश्यक है। इस तरह के लक्षण पाये जाने पर रोगी(पीडित) को राज्य सरकार द्वारा जारी किये जाने वाले हेल्पलाईन नम्बर की सुविधा लेनी चाहिए। ताकि सही उपचार मिल सके।
उपसंहार-
कोरोना वायरस महामारी ने संपूर्ण विश्व में व्यापक रूप से हानि पहुंचाई है। कोरोना वायरस महामारी से छुटकारा या इसके लक्षणों को कम करने के लिये विभिन्न देशों की सरकारों ने कई उपयों के द्वारा इसे स्थिरिता देने की पेशकस की है। जिसमें लॉकडाउन का अत्याधिक महत्व है। इस दौरान वर्क फ्रोम होम की योजना भी काफी हद तक सफल होती दिखी है। कोरोना वायरस महामारी में देश की सरकार द्वारा एवं कई उद्योग पतियों, अभिनेताओं एवं अन्य लोगों द्वारा किसी आवास माध्यम को चिकित्सालयों के रूप में परिवर्तित किया गया है। जिसमें मरीजों का अच्छी तरह से चिकित्सा देखभाल मिल सके। सरकार द्वारा कई आदेश जारी किये गये। जिसमें वायरस से पीडित व्यक्तियों को राज्य सरकार द्वारा लागु किये गये हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल कर चिकित्सा उपलब्ध कराने का वादा किया गया है।
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