Essay on Cricket 250 world in Hindi निबंध क्रिकेट पर हिंदी में / Cricket my favorite games essay in Hindi. Essay on Cricket 1000 world in below.
- प्रस्तावना
- नेतृत्व/निर्णय करने की क्षमता का विकास
- शारीरिक एवं मानसिक विकास
- रोजगार के क्षेत्र में खेल की भूमिका
- क्रिकेट के नियम
Essay on Cricket 250 world in Hindi
प्रस्तावना-
क्रिकेट एक खेल का नाम है। इस खेल में 11 खिलाडियों की आवश्यकता होती है। यह बाहरी खेल है। जो एक मैदान में खेले जाने वाले खेलों में से बहुत ही प्रचलित खेल है। इस खेल को खेलने के दौरान एकाग्रता में वृद्धि होती है। साथ ही शारीरिक एवं मानसिक विकास भी क्रिकेट से हो जाता है।
क्रिकेट खेल को खेलते रहने से भविष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है। क्रिकेट एक मंनोरंजनीय खेल के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता है। इस खेल में रोजगार की समस्या भी हल हो जाती है। अपने देश के लिये यह विश्व स्तरीय रूप में खेला जाता है। जिससे देश का नाम उन्नत होता है। इसमें कई लोगों के या फिर खिलाडियों के द्वारा मैच फिक्सिंग भी की जाती है। जो गैर कानूनी होती है।
नेतृत्व/निर्णय करने की क्षमता का विकास –
क्रिकेट एक बहुत ही मनोरंजनकारी खेल है। इस खेल को खेलने वाले लोगों(खिलाडियों) का शारीरिक, मानसिक विकास तो होता ही है। साथ ही खिलाडियों को अपने दैनिक जीवन महत्वपूर्ण निर्णय तथा अपनी टीम को नेतृत्व करने की क्षमता उत्पन्न होती है। जिसका लाभ खिलाडियों को विपरीत परिस्थितियों में मिलता है।
शारीरिक एवं मानसिक विकास-
हमारे शारीरिक विकास के लिये हम दिन प्रतिदिन कई एक्सरसाईज एवं योगासन करते हैं। परन्तु क्रिकेट खेल एक ऐसा खेल है। जिसमें हमारा शारीरिक एवं मानसिक विकास साथ होता है। क्रिकेट खेल में रन बनाने के लिये दौडा जाता है। तो इससे ब्लड सर्क्यूलेशन बढता है। जिससे हमारे ह्रदयघात(हार्ट अटेक) की समस्या उत्पन्न नहीं होती है। इस खेल में पूरे शरीर का व्यायाम अच्छे से हो जाता है। एवं जब बोलर गेंद(बोल) को पिंच पर फेंकता है। बोल स्पिन करके किस दिशा में जायेगी। इसको समझना एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया होती है। जिसको खिलाडी उस प्रक्रिया को समझने का प्रयास करता है। जिसके कारण मानसिक व्यायाम भी खिलाडियों का होता है।
रोजगार के क्षेत्र में खेल की भूमिका-
Cricket के खेल में बहुत ही लाभ हैं। चाहे वह शारीरिक हो मानसिक हो। या फिर रोजगार को लेकर हो। आज के समय में क्रिकेट इतना लोकप्रिय खेल के रूप में उभर कर आया है। इस खेल को खेलने वाले लोगों एवं दर्शकों की संख्या में बहुत ही बढोत्तरी देखने को मिलती है। खिलाडियों का क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन उन्हे टीम में एक अच्छा पद दिलवाता है। क्रिकेट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिये टीम को उपहार के साथ ही पैसे भी दिये जाते हैं। जिससे खिलाडियों को रोजगार की समस्या से जूझना नहीं पडता है। अपने करियर को क्रिकेट में बनाने का बहुत ही अच्छा विचार होता है। इसमें खेल के साथ-साथ करियर भी सेट हो जाता है।
क्रिकेट के नियम-
खेल में दो टीम होती हैं। जिसमें खिलाडियों की संख्या 11-11 होती है। जो भी टीम खेल रही है। उसके दो बल्लेबाज बैटिंग के लिये आते हैं। जिसमें रनों के अंतर्गत बदलाव जारी रहता है। क्रिकेट में एक ओवर में 06 गेंदों को बोलर के द्वारा पिच पर फेंका जाता है। जिसके अनूरूप यदि बल्लेबाज गेंद को बल्ले से मारता है। और गेंद सीधा बाउण्डरी पार करती है। तो छ: रन माने जाते हैं। यदि गेंद ग्राउण्ड की सतह से छूकर बाउण्डरी से पार या बाउण्डरी को छू लेती है। तो चार रन गिने जाते हैं। इसके अलावा जब गेंद ग्राउण्ड में ही कहीं पर जाती है। एवं दूसरी टीम का खिलाडी उसे उठाकर आउट करने के लिये स्टंप की ओर फेंकता है। उतने समय में दोनों बल्लेवाजों के द्वारा कितने भी रन बनाये जा सकते हैं।
यदि कोई बल्लेबाज अपने सिरे के स्टंप के दायरे से बाहर है। और दूसरी टीम के खिलाडी के द्वारा बोल को स्टंप से छूआ(टच) दिया जाता है। जाता है तो वह बल्लेबाज आउट माना जाता है। बोलर (गेंदबाज) के द्वारा बोल को डालते समय नियम के विरूद् (स्टंप के दायरे से बाहर पेर रखना, हाथों का गलत तरीके से उपयोग करना, बोल को अधिक ऊंचाई पर फेंकना, अपने फिल्डरस् को गलत दिशा में लगाना) कार्य करने पर नो बॉल मानी जाती है। जिसमें एक अधिक गेंद बल्लेबाज को खेलने दिया जाता है। इसी बीच जब बोलर के द्वारा बोल डालते समय बल्लेबाज से कुछ अधिक दूरी पर बोल को फेंका जाता है। जो बल्लेबाज के दायरे से बाहर होती है। तो उसे व्हाइट बोल कहते हैं। इसमें बल्लेबाज की टीम को एक रन फ्री दिया जाता है।
Essay on Cricket 250 world in Hindi
यदि बल्लेबाज के द्वारा बोल को बेट से टच नहीं किया गया है। एवं विकेट कीपर भी बोल को नहीं पकड पाता है तो ऐसे में बल्लेबाज रन बना सकता है। इस क्रिया को ‘’बाई’’ कहा जाता है। तथा जब बल्लेबाज के किसी किसी भाग से बोल टकराती है (बैट को छोडकर) और दूर चली जाती है। तो उस समय भी बल्लेबाज रन बना सकता है। इसे ‘’लेग बाई’’ कहते हैं।, जब गेंदबाज के द्वारा गेंद को फेंका जाता है और गेंद स्टंप में जाकर लगती है। तो बल्लेबाज आउट हो जाता है। जिसे ‘’बोल्ड’’ कहा जाता है।
बल्लेबाज के द्वारा गेंद को बैट से मारा जाता है। एवं गेंद के हवा में होने पर दूसरी टीम के किसी फिल्डर या बोलर के द्वारा गेंद को पकड लिया जाता है। तो बल्लेबाज आउट हो जाता है। इसको ‘’कैच आउट’’ कहा जाता है। या फिर बल्लेबाज के द्वारा अपने बैट से ही विकेट गिर जाता है। तो भी बल्लेबाज आउट हो जाता है। जिसे ‘’हिट विकेट’’ कहते हैं। बल्लेबाज बोल को हाथ से छूता है। या फिर बोल को बैट से दो बार मारता है। तो वह आउट हो जाता है।
खेल में उपयुक्त सामग्री-
क्रिकेट एक बाहरी मैदानी खेल है। जिसमें 11 खिलाडियों की एक टीम एवं 11 खिलाडियों की दूसरी टीम होती है। क्रिकेट में एक पिच होती है। जिसकी लंबाई 20 मीटर तथा चौडाई 3 मीटर होती है। पिच एक जमीनी सतह होती है। जिसमें दोनों ओर स्टंप लगे होते हैं। एवं इसी पिच में एक सिरे से दूसरे सिरे तक भागकर रन बनाये जाते हैं।
क्रिकेट को खेलने के लिये बैट एवं गेंद का प्रयोग होता है। जिसमें बैट की लंबाई 97 सेमी तथा चौडाई 1.8 सेमी के लगभग होती है। इसके खेल में प्रयोग की गई गेंद का वजन 156-163 ग्राम तक होता है। तीन लकडियों के स्टंप होते हैं। जो पिच के दोनों सिरों पर लगे होते हैं। जिनसे बोल को छूकर खिलाडी को आउट किया जाता है।
निष्कर्ष- क्रिकेट को खेलने से हमारे व्यक्तित्व का विकास होता है। नेतृत्व करने की क्षमता विकसित होती है। नियमानुसार खेल को खेलने से अनुशासन की भावना जाग्रत होती है।
क्रिकेट को करियर के तौर पर एक अच्छा ओप्शन माना जाने वाला खेल है। क्रिकेट को खेलने वाले विश्वस्तरीय लोगों को समाज में एक उच्च दर्जा प्राप्त होता है।
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