राजस्थान में गहराता जल संकट पर निबंध /Rajasthan Water Scarcity essay in Hindi/Essay on water problem in Hindi/ Write and Simple essay on Rajasthan Water Scarcity.
- प्रस्तावना
- जल संकट के कारण
- जल संकट निवारण के उपाय
- उससंहार
राजस्थान में गहराता जल संकट पर निबंध –
1- प्रस्तावता ” जल ही जीवन है” जल पृथ्वी पर पाई जाने वाली एक ऐसी है जो पदार्थ की सभी अवस्थाओं में पायी जाती है। ठोस, द्रव्य, गैसे तीनो रूपो में जल का उपयोग किया जाता है। पृथ्वी के धरातल पर 71 प्रतिशत जल व 29 प्रतिशत स्थल हैा इस में से 97 प्रतिशत जल महासागरों में खारे पानी के रूप में व शेष 3- मीठ जल पीने योग्य पाया जाता है। इस जल में से भी 69 प्रतिशत हिंम रूप में, 30 प्रतिशत भूमिगत रूप में व 1 प्रतिशत जल मनुष्य के उपयोग हेतु है। इस प्रकार जल की बहुत ही कम उपलब्धता के बावजूद जल का अति दोहन किया जा रहा है। राजस्थान जैसा राज्य रहा वर्षा अत्यंत कम होती है। तथा मरूस्थल का अत्यधिक प्रसार है, जल की कमी एक गंमीर संकट बन गयी हैा जल प्रबंधन इसी कारण अत्यन्त आवश्यक है।
2- जल संकट के कारण – ”स्वच्छ जल तभी स्वस्थ कल” राजस्थान में जल संकट एक गंभीर समस्या है। इस समस्या के अनेक कारण है जो निम्न है –
- राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के कारण याह अत्यअल्प वर्ष होती है।
- जल संग्रहरण पद्वति विकसित नहीं है।
- भू-जल का अत्यधिक दोहन किया जाता है।
- जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की कमी है।
- परम्परागत जल स्त्रोतों की अपेक्षा।
- जल की व्यर्थ बर्बादी।
- मानसून की अनिश्चितता।
इस प्रकार इन कारणों से जल संकट अपने विकराल रूप में आ गया है। नहरे सूख गयी है तथा पशुओं के लिए पानी पर्याप्त नहीं बचा है। लोग भी जल संरक्षण के प्रति लापरवाही बरतते है। सरकार भी जागरूक नहीं है। यदि यही स्थिति रही तो शीघ्र ही तीसरा विश्व युद्व पानी की कमी के कारण होगा। इस स्थिति को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
3- जल संकट निवारण के उपाय –
”जल है तो कल है” राजस्थान में जल संकट को देखते हुए राजस्थान सरकार ने विभिन्न प्रकार के प्रयास किये हैद्। इनमें से एक उल्लेखनीय प्रयास मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन योजना है। इसके तहत 41000 गावों तक पेयजल की पूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना 8 वर्षो तक चलेगी। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा व व्यक्तिगत स्तर पर आवश्यक प्रयास उपेक्षित हैै।
व्यक्तिगत प्रयास
- विभिन्न नहरों को आपस में जोडना व जागरूकता फैलाना।
- घरेलू जल की व्यर्थ बर्बादी को रोकना।
- जल संरक्षण हेतु जागरूकता अभियान चलाना।
- भू जल का मति दोहन ना करना।
- परम्परागत जल स्त्रोत्रों का संरक्षण
- जल संग्रहण विधि विकसित करना।
- इस प्रकार हर स्तर पर प्रयास से जल संकट अवश्य दूर होगा।
4- उपसंहार – जल जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। जल का संरक्षण ही जीवन का संरक्षण है।हमें हर स्तर पर प्रयास करके जल संरक्षण करना ही चाहिए। आशा है कि सरकार इस बात पर ध्याान देगी।
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